शारीरिक संबंधो के जैसे ही हस्त*मैथुन के बारे में भी हमारे समाज में कई सारी भ्रांतियां प्रचलित हैं. क्यूंकि यहाँ पर लोग इसे करना गलत मानते है. आपकी जानकारी के लिए आपको बतादें की विज्ञान भी हस्त*मैथुन को लेकर अपनी राय दे चूका है की यह एक सामान्य प्रक्रिया है जिसको स्त्री और पुरुष दोनों ही कर सकते है और खुद को अच्छा महसूस कर सकते है.

हमारे समाज में आज-कल रेप से जुडी कई घटनाएँ सामने आ रही है, कुछ बुरे काम करने वाले लोग यदि इस प्रक्रियां को अपनालें तो समाज में ऐसे गंदे और घिनौने काम होने ही बंद हो जायेंगे. क्यूंकि वो अपनी वासना को शांत करने के लिए ऐसी भद्दे काम करते है.

यह गलत है
हमारे समाज में कुछ जगहे ऐसी है जहा पर यह करना बिलकुल गलत बात है जैसे की लोगो के बिच में. ऐसा करना बिलकुल ही शर्मनाक है. ऐसा करना सार्वजानिक जगहों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंधित होता है.
भ्रांतियां और तथ्य

खुद को अच्छा महसूस करने वाली इस प्रक्रिया को करने से इंसान अँधा या पागल नहीं होता.
ऐसा करना शारीरिक विकास के लिए कोई अड़चन पैदा नहीं करता.
शरीर के अंदर एक प्रसन्नता महसूस करवाने वाला इंडॉरफिंस नामक हार्मोन रिलीज होता है जिससे इंसान रिलैक्स हो जाता है और बुरे काम करने से बच जाता है.
यह सोने में मदद करता है और साथ ही इससे निजी अंग भी सक्रीय रहते है.
यह लेख सिर्फ आपकी जानकारी के लिए लिखा गया है.
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