Facebook पर मुर्दों से बात कर रहे है लोग, बन गया डिजिटल कब्रिस्तान
हमारे देश भारत में पितृपक्ष शुरू हो चुका है और इस में हम अपने पूर्वजों के लिए पिंड दान करते है ठीक वैसे ही विदेशों में भी हैलोवीन और घोस्ट फेस्टिवल के रूप में लोग मरे हुए लोगों को याद किया जाता है पर अब हम आपको यह कहे की लोग फेसबुक पर मरे हुए लोगो से बात कर रहे है तो आप इस बात को सच मानेंगे.
मरने के बाद भी हो रहे स्टेटस अपडेट्स

क्या आप जानते है की श्रीदेवी हमारे बिच में नहीं है पर उनकी मौत के चार दिन बाद ही उनके ट्विटर अकाउंट से ट्विट किया गया था, वैसे आपको बतादे की श्रीदेवी लगातार सोशल मीडिया पर लोगों से जुड़ी हुई हैं और लोग आज भी उनके पोस्ट को पसंद करते है.
वैसे देखा जाए तो फेसबुक पर तीन करोड़ अकाउंट्स ऐसे लोगों के हैं जिनकी मौत हो चुकी है और हर आठ हजार यूजर की मौत हो रही है.
मरे हुए लोगों को भेजे जा रहे फ्रेंड रिक्वेस्ट

वैसे आपको बता दे की जिन लोगो की मौत हो जाती है और उनके चाहने वाले या फिर उनके किसी करीबी उनके टाइमलाइन पर जाकर ऐसी बातें लिखते हैं, मानो उससे बात कर रहे हों. उनको ऐसा लगता है की उनका सामने से फट से रिप्लाई आ जायेगा.

आपकी जानकारी के लिए बतादे की मरे हुए इंसान की टाइमलाइन पर सिर्फ जन्मदिन और त्योहारों की बधाई ही नहीं बल्कि उन्हें फ्रेंड रिक्वेस्ट भी भेजे जाते है. वैसे देखा जाए तो यह एक बेवकूफी ही है और अगले ही पल उनको अपनी इस गलती का एहसास हो जाता है.

सोशल मीडिया अकाउंट्स के डिलीट ना होने से 'डिजिटल कब्रिस्तान' बनता जा रहा है और उनकी यादों में विरासत को संजोए रखने और अगली पीढ़ी को उस शख्सियत से जुड़े अहम दस्तावेज मुहैया कराने का और उनकी यादों को सँभालने का मंच और कौनसा हो सकता है.
तो अब तो आप समज ही गये होंगे की फेसबुक पर क्यों डिजिटल कब्रिस्तान बनता जा रहा है.
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