आपको बतादे की हम जब भी रेडिएशन का नाम सुनते है तो उसको सीधा कैंसर के साथ जोड़ देते हैं। जो कि बिल्कुल गलत बात है।
दोस्तो यदि सभी तरह की रेडिएशन से कैंसर होता तो सभी कैंसर के मरीज होते क्योंकि सूर्य प्रकाश भी एक प्रकार की रेडिएशन हैं। आप एक केला खाते हो उसमे भी रेडिएशन होती है। टीवी , एफएम रेडियो, माइक्रोवेव, रिमोट, बल्ब आदि से रेडिएशन निकलती है।

आपको बतादे की रेडिएशन 2 प्रकार की होती हैं -
1. आयनीकरण रेडिएशन।
2. गैर आयनीकरण रेडिएशन।
इसमें आयनीकरण रेडिएशन की ऊर्जा, गैर आयनीकरण रेडिएशन से ज्यादा होती है, अधिकांश मामलों में कैंसर का कारण ये आयनीकरण रेडिएशन ही होती हैं।

मोबाईल फोन से निकलने वाली रेडिएशन, गैर आयनीकरण रेडिएशन के अन्तर्गत आती हैं, बतादे की मोबाइल रेडियेशन की ऊर्जा दृश्य प्रकाश से भी कम होती है, यदि मोबाईल रेडिएशन से कैंसर होता तो हम जिस प्रकाश में देखते है उस प्रकाश की ऊर्जा ही मोबाईल रेडिएशन से ज्यादा है।

अब बात करे मोबाईल फोन से निकलने वाली रेडिएशन की ऊर्जा की तो वह काफी कम होती है, या आप कह सकते है कि हमारा शरीर इससे भी काफी अधिक मात्रा व ऊर्जा की रेडिएशन को सहने में सक्षम होता है।
बतादे की मोबाइल फोन के प्रयोग को लेकर विभिन्न देशों में शोध हुए, और लगभग सभी शोधों में कैंसर या ब्रेन ट्यूमर का कारण मोबाईल रेडिएशन को नहीं माना गया।
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