क्या आपको पता है कि भगवान कृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था जिसमें इन्होंने जीवन के कई सारे सार बताये हैं। आपको बतादें की इसमे गीता के इन सार से जीवन की कई सारी परेशानी का आसानी से समाधान होता हैं।
बतादें की भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान कराया था जिसमें मानव को जीवन की किसी भी कठिन परिस्थिति से बाहर निकलने की राह दिखाई गई हैं।
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तो आज हम आपको उस बारे में बता रहें हैं जिस प्रश्न को अक्सर हर कोई पूछता है कि आखिर क्यों अच्छे लोगो के साथ ही बुरा होता हैं।
आपको बतादें की जब अर्जुन ने भगवान कृष्ण से प्रश्न किया कि प्रभु आखिर क्यों अच्छे लोगों के साथ बुरा होता है, तो भगवान कृष्ण ने इस प्रश्न का कुछ इस प्रकार दिया की सज्जन मनुष्य के साथ बुरा कर्म हो रहा है किन्तु इसके उलट ऐसा कुछ नहीं होता, सदाचारी और धर्मप्रयाण मनुष्य को ईश्वर भी प्रेम करते हैं।
तो अब इसीलिए वे चाहते हैं कि उसके पूर्वजन्मों में किये पापकर्म जल्द से जल्द पूरे हो और जिससे मनुष्य के सारे पाप आसानी से कट जाएं और व्यक्ति जल्द से जल्द पापों से मुक्त होकर शांति के साथ साथ मोक्ष को प्राप्त करें।
बतादें की इस जन्म में हमारे साथ अगर कुछ गलत होता है तो वह हमारे पूर्वजन्मों में किये गये पाप कर्म होते हैं।
अब उन कर्मों के पाप को भोग कर वह सदाचारी मनुष्य में परिवर्तित हो जाता है, लेकिन आपको बतादें की इन सभी कर्मों की गति को सभी को काटना ही पड़ता हैं।
अब आपको बतादें की स्वयं भगवान भी इस चक्र से नही छूटते। यह सब कर्मों की ही गति है जो कष्टों को लेकर आती है, मनुष्य इसे काटकर मुक्त हो जाता है और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है।
वैसे आपको क्या लगता है इस बारे में, हमे कंमेंट करके जरूर बताये।
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