सूर्य के घातक पराबैगनी किरणों से बचना भी बेहद मुश्किल भरा काम होता है इसकी चपेट में आने के बाद त्वचा कैंसर समेत कई सारी बीमारियां होने का खत...
सूर्य के घातक पराबैगनी किरणों से बचना भी बेहद मुश्किल भरा काम होता है इसकी चपेट में आने के बाद त्वचा कैंसर समेत कई सारी बीमारियां होने का खतरा रहता है। लेकिन हाल ही में हुए एक अध्ययन के मुताबिक यह बात सामने आई है कि धरती के सबसे कठोर जीव कहे जाने वाले ‘वॉटर बीयर’ को इन किरणों से किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचता है। जिस तरह के देखने वाले जीव को टार्डिग्रेड्स या मॉस पिग्लेट्स के नाम से भी जाना जाता है।
आमतौर पर इंसान 35 से 40 डिग्री के तापमान में परेशान हो जाता है पर यदि 300 डिग्री तक का तापमान आसानी से सहन कर लेता है। इतना ही नहीं है जीव अंतरिक्ष की ठंड और मरियाना स्ट्रेस जैसे भारी दबाव वाले क्षेत्रों तक में जीवित रह सकता है। इन सब बातों का खुलासा भारत में हो रहे शोध में हुआ है।
भारतीय शोधकर्ताओं को इस जीव के अंदर एक नया जीन मिला है, जिसे ‘पैरामैक्रोबियोटस’ कहा गया है। पैरामैक्रोबियोटस एक सुरक्षात्मक फ्लोरोसेंट ढाल है, जो अल्ट्रा वॉयलेट रेडिएशन का विरोध करता है। यह जीव हानिकारक पराबैंगनी विकिरण को अवशोषित करके उसमें हानि रहित पराबैंगनी विकिरण को अवशोषित कर उसे हानिरहित नीली रोशनी के रूप में वापस बाहर निकाल देता हैं।
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